कौन है विकास दुबे, कितना बड़ा है उसका आपराधिक रिकॉर्ड?
कानपूर में हिस्ट्री चीटर विकास दुबे के खिलाफ एक्शन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये। इसके बाद से ही प्रदेश में गुस्से का माहौल है। सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी अपराधी को पकड़ने की जहां कोशिश में हैं, वहीं इस घटना पर विपक्ष की राजनितिक टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं।

विकास दुबे के अपराधों की लंबी है लिस्ट
गैंगस्टर विकास दुबे का इतिहास अपराधों से भरा हुआ है। विकास दुबे पर संगीन आरोप के साथ दर्जनों मुक़दमे भी दर्ज हैं। कानपूर के चौबेपुर थाने में दुबे के ख़िलाफ़ आठ मुकदमे दर्ज हैं जिसमें हत्या और हत्या की साजिश जैसे गंभीर मुकदमे शामिल हैं। लगभग 60 मुकदमे दर्ज हैं इस विकास दुबे के नाम पर।
दुबे, 2001 में राजनाथ सिंह सरकार के राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है और 2000 में कानपूर के शिवली थानाक्षेत्र में ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास शामिल था। साथ ही 2004 में केबल व्यवसायी की हत्या में भी दुबे का नाम सामने आया था। इतना ही नहीं साल 2018 में अपने चचेरे भाई की हत्या के मामले में भी दुबे का नाम आया था।
विकास दुबे कौन है?
मूल रूप से विकास दुबे कानपूर में बिठूर के शिवाली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है। गांव में विकास का किले जैसा घर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी की जब सरकार थी, तब विकास की तूती बोलती थी। गांव वालों ने बताया कि इनके कार्यकाल में विकास ने खूब गांव की जमीन भी कब्जाई और इनके नाम पर कई स्कुल और कॉलेज भी है।
इतना ही नहीं आस पास के गांव में भी इसका दबदबा है और पिछले 15 साल से परिवार के सदस्य ही जिला पंचायत चुनाव जीत रहे हैं।पिछले तीन दशक से अपराध की दुनिया से विकास का नाम जुड़ा हुआ है। कई बार गिरफ्तारी होने के बाद भी , अब तक किसी मामले में इसे सजा नहीं मिल सकी है।
पुलिस का ऑपरेशन अभी भी जारी है
विकास को पकड़ने के लिए पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। कानपूर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए गई पुलिस टीम पर आधी रात को बदमाशों ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि घरों से गोलियां बरसाई गईं। इस दौरान पुलिसकर्मी को भारी क्षति पहुँची और आठ लोग जो शहीद हुए उनमें एक डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र के साथ तीन सब इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल शामिल हैं।
आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई लेकिन कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस का रास्ता रोकने के लिए जेसीबी मशीन को बीच में अड़ा दिया गया। बाद में पुलिस फाॅर्स ने गांव को घेर लिया। और सर्च ऑपरेशन में लग गई हैं। पुलिस के मुताबिक विकास के कांटेक्ट में रहने वाले काफ़ी लोगों के मोबाईल फोन को सर्विलांस पर लगा दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने इस मामले के अपराधियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं और हर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आर्डर दिए हैं।