इन मुस्लिम नौजवानों ने अपने गांव के लिए बना डाली सेनिटाइज़र टर्नल मशीन
कहते है कि जब हौसला हो तो कोई भी मुश्किल आपके आड़े नहीं आ सकती। इसीलिए इंसान को कभी कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए। इसी के चलते कोरोना की रोक थाम के लिए ग्रामीण वासियों ने अपने गांव के लिए बना डाली सेनिटाइज़र टर्नल मशीन।

कोरोना वायरस (Corona Virus) ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। लगभग सभी देश इससे प्रभावित है। विश्व स्वास्थय संगठन WHO इस महामरी की वैक्सीन (Vaccine) तलाशने में लगा है। लेकिन जब तक ये वैक्सीन मिल नहीं जाती तब तक दुनिया को इस वायरस के साथ रहने की आदत डालनी पडेगी। ऐसे में लोगों ने इसके साथ जीने के उपाय ढूड़ने शुरु कर दिए है। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) हो या साफ सफाई ये अब आम आदमी की लाइफ का हिस्सा बन चुके है। देखने में आ रहा कि लोग तरह तरह से सैनेटाइज़र के उपयोग को जीवन में उतार रहे है।
ऐसे ही उत्तर प्रदेश के ज़िला बिजनोर का ग्राम मेमन सादात इन दिनों चर्चा के विषय बना हुआ है। दरअसल गांव के कुछ नौजवानों कोरोना के संक्रमण की रोक थाम के लिए सेनिटाइज़र टर्नल मशीन ही बना दी। गांव के इन कोरोना वरियर्स ने गांव की हिफाज़त के लिए ये एक ना मुमकिन का कारनामा कर दिखाया। गांव के निवासी ऐजाज़ मुस्तफा व अली ज़ैदी समेत कई युवाओं ने लगभग 1 लाख 25 हज़ार की लागत से बनने वाली इस मशीन को गांव में लगाकर एक मिसाल पेश की है।
इस काम में नगर पालिका परिषद किरतपुर चेयरमैन अब्दुल मन्नान ने भी अपना सहयोग दिया। उनके द्वारा ग्राम मेमन सादात को लगभग 60% से सेनीटाइज किया जा चुका है। इतना ही नहीं इस युवा टीम ने आस पड़ोस के गांवों में लगभग तीन हज़ार मास्क भी बांटे। वहीं लोगों को लॉकडाउन का पालन करने तथा सोशल डिस्टेंस बनाए रखने का आव्हान किया। वहीं इस मुश्किल दौर में लगभग ढाई सौ जरूरतमंद गरीब परिवारों को 18 किलो की राशन किट दी। इन नौजवानों की समाज सेवा की हर तरफ प्रशंसा हो रही है।