कब आएगी कोरोना की पीक, ऐसा करने से एक माह में थमेगा संक्रमण
कोरोना महामारी की अभी पीक नहीं आई है तो अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी के कारण तमाम लोगों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक महीने यानिकि जून में कोरोना पीक पर होगा।

कोरोना महामारी के कारण देश में एक बार फिर डर का माहौल है। देश के सभी राज्यों और शहरों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। ऑक्सीजन की कमी, बेड्स और वेंटीलेटर्स की कमी होने से कई मरीजों को अस्पताल के बहार ही इलाज कराना पड़ रहा है। यह हाल तब है जब इस महामारी की भारत में पीक नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जून में कोविड-19 की पीक आ सकती है, तो इससे पहले बचने का एकमात्र तरीका है एहतियात बरतना।
बचाव के तरीकों का सही तरह से पालन करने से ही इस बीमारी के संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। क्योंकि सीधा हिसाब है जितना संक्रमण कम होगा, उतने संसाधन बढ़ेंगे, तो संकट से निपटना आसान हो जायेगा।
बचाव ही है एक मात्र रास्ता
संक्रमण के फैलाव को रोकना बहुत जरूरी है। इसके अलावा जो फैलाव की गति है उसपे काबू पाने में एक महीना लग ही जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि लॉकडाउन का पालन हो और सही तरीके से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जाए। 1 मई से वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी जिसका असर भी एक महीने में ही सामने आएगा। बस ऐसे में यही उम्मीद की जा सकती है कि इस दौरान वायरस का कोई तीसरा म्यूटेंट न सामने आ जाए।
चार गुना अधिक करें तैयारी
डॉक्टर्स के मुताबिक एक व्यक्ति पांच-छह लोगों को संक्रमित कर सकता है। साथ ही वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड 14-28 दिन का होता है। तो इस हिसाब से भी संक्रमण के फैलाव को सही तरह से रोकने के लिए 28 दिन तक लगेंगे। फ़िलहाल जो म्यूटेंट है, वो हवा से फैलता है। यही कारण है कि संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है।
सावधानी से पीक को दे सकेंगें मात
जैसा की कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि 15 मई के आसपास पहला पीक आ सकता है और फिर जून तक इसका असर रहेगा। तो ऐसे में जरूरी है कि मास्क को पहने, सोशल डिस्टैंसिंग करें और इसी से ही संक्रमण पर काबू आ सकता है। क्योंकि डर यह भी है कि समय के साथ नए म्यूटेंट बन सकते हैं और उससे हालात बिगड़ सकते हैं।