
- WHO ने हैजा, खसरा जैसी बीमारियों के टीकाकरण के लिए नए दिशा–निर्देश दिए
- कोरोना महामारी के कारण बच्चों के टीकाकरण अभियान में काफी गिरावट
- एक साल से कम उम्र के 8 करोड़ बच्चों के जीवन को खतरा
- देशों को कुछ खास जोखिम का मूल्यांकन कर टीकाकरण शुरु करने की सलाह
- WHO महानिदेशकः दशकों से चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति को खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO और सहयोगी संस्थाओं के नए विश्लेषण के अनुसार कोरोनावायरस महामारी के कारण खसरा, पोलिया और हैजा सहित कई बीमारियों के लिए दिए जाने वाले टीकाकरण कार्यक्रम में रुकावट आई है। इस कारण एक साल से कम उम्र वाले लगभग 8 करोड़ बच्चों के जीवन को खतरा हो सकता है। कल जारी रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 129 देशों में से आधे देशों में मार्च और अप्रैल महीने में टीकाकरण अभियान को कम कर दिया गया है या वहीं पर टीकाकरण कार्यक्रम हुआ ही नहीं है। मार्च महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना महामारी के कारण टीकाकरण को कुछ दिन के लिए निलंबित करने का सुझाव दिया था।
यूनिसेफ, सबिन वैक्सीन इंस्टीच्यूट और जीएवीआई के साथ मिलकर तैयार किए गए रिपोर्ट के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीकाकरण के जन अभियान को शुरु करने के लिए नए दिशा–निर्देश जारी किए है। इन दिशा–निर्देशों में कोविड संक्रमण की स्थानीय फैलाव, स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता और टीकाकरण अभियान के सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ के आधार पर देशों को कुछ खास जोखिम का मूल्यांकन करने की सिफारिश की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने एक बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण खसरा जैसी वैक्सीन से रोके जाने वाली बीमारियों के खिलाफ दशकों से जारी टीकाकरण कार्यक्रम के प्रगति खतरे में है।