कोरोना से हो रही मौतों से बदहाल है इस देश के कब्रिस्तान
यमन अब तक युद्ध से जूझ रहा था, अब कोविड 19 से हो रही मौतों के कारण दक्षिण यमन के कब्रिस्तान लगातार भरते जा रहे है। महामारी से मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अंदाज़ा लगा पाना भी मुश्किल है।

कोरोना के कहर से यमन का हेल्थ सिस्टम इस महामारी के विक्राल रूप के सामने ढहने की कगार पर है। डॉ विदाउड बॉर्डर्स जो ड्यूटी पर हैं, वो बताती हैं कि कोरोना से लोगों की बेशुमार मौतें हो रही हैं। लोग एम्बुलेंस में ही दम तोड़ रहे और घरों में तड़प रहे हैं। वे कष्ट झेल रहे हैं और हम हेल्पलेस हैं। हालात इतने बुरे हैं कि प्रशाशन कोरोना से मरने वालों की संख्या को छुपा रहा है और लाशों को रात में दफनाया जा रहा है।
यमन में औसतन हर परिवार ने खोया है अपना सदस्य
ऐसी बहुत सी कहानियां सामने आ रही हैं जो अपने आप में डरा देने वाली हैं। कुछ डॉक्टर्स ने तो स्वास्थ्य मंत्रालय भी जाना छोड़ दिया है क्योंकि हालात बेकाबू है। वहीं हुती प्रशाशन का कहना है कि परिस्थितियां काबू में है लेकिन सच बात तो ये है कि अब यमन में हर परिवार के 1-2 लोग कोरोना से मर रहे हैं। युद्ध से यमन पहले ही दो भागों में बट गया था और हैजे जैसी बीमारी झेल रहा था, पर अब कोरोना तो इनके ऊपर मानों कहर बन कर टूटा है जिससे सबका जीवन खतरे में है।
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लचर स्वास्थ्य प्रणाली से जूझ रहा है यमन
यमन में रिसोर्सेज की कमी और कमज़ोर हैल्थ व्यवस्था के कारण कोरोना के टेस्ट भी बहुत कम हो रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि सभी अस्पतालों के बेड्स भर गए हैं, जिस वजह से वे समझ तक नहीं पर रहे कि बीमार और मरने वाले लोगों को अलग कैसे रखें। लोगों की जिंदगी इतने नाज़ुक मोड़ पर है कि जिनका इलाज हो भी रहा है उन्हें भी प्रॉपर केयर नहीं मिल रही है। डॉ मूसा कहते है कि निराश हैं हम सबकी मदद नहीं कर पा रहे हैं लेकिन ऐसी परिस्थियों में भी जो भी बन पा रहा है वो कर रहे हैं। लेकिन इस समय यमन को ग्लोबल हेल्प की जरूरत है जिससे लोगों के जीवन को बचाया जा सकें।